मां तू तो कहती थी अपनी गुड़िया को दुल्हन बनायेगी...
मेरे इस जीवन को खुशियो से सजायेगी...
मां अब वो दिन ज़िंदगी कभी ना लायेगी...
मां अब तेरे घर कभी बारात ना आयेगी...
अब जाने दो मुझे 'विदा की बेला' आ ही गयी है...
पर सोचा न था कि यूं इस हाल में जाना होगा...
थोडा और जीने की चाहत थी इस दिल को...
पर अब, खुदको और इस दिल को भी समझाना होगा...
शांत निश्छल बिना किसी मनोभावों के, बस थोड़ी उद्धेलित हूँ...
अब मां बाबा का क्या होगा...
इस बात से थोड़ी चिंतित हूँ...
बस इतना सा अरमान है आखिरी...
कि अगर तुममें अभी सांस और इंसान बाकी है ...
तो हर पल इतना बस याद रख लेना कि अभी मेरा इन्साफ बाकी है...
Source:- Online News Websites
2 comments:
Great one lines.
Nice Thought, i think in future also we blessed by your informative post.
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