‘नीड़ न दो चाहे टहनी का,
आश्रय छिन-भिन्न कर डालो,
लेकिन पंख दिए हैं तो आकुल उड़ान में विघ्न ना डालो’
Presented By Azim Uddin (SEO Analyst)
मां तू तो कहती थी अपनी गुड़िया को दुल्हन बनायेगी... मेरे इस जीवन को खुशियो से सजायेगी... मां अब वो दिन ज़िंदगी कभी ना लायेगी... ...
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